कृदन्तरूपाणि - धातूनां सूचिः


 
 
 
दिव्  सिव्  स्रिव् - स्रिवुँ गतिशोषणयोः  ष्ठिव् - ष्ठिवुँ निरसने केचिदिहेमं न पठन्ति  स्नुस् - ष्णुसुँ अदनेँ आदान इत्येकेँ अदर्शन इत्यपरे  स्नस् - ष्णसुँ निरसने  क्नस् - क्नसुँ ह्वरणदीप्त्योः मित् १९३९  व्युष् - व्युषँ विभागे  प्लुष् - प्लुषँ दाहे  नृत्  त्रस्  कुथ् - कुथँ पूतीभावे  पुथ् - पुथँ भाषार्थः  गुध् - गुधँ परिवेष्टने  क्षिप् - क्षिपँ प्रेरणे  पुष्प्  तिम् - तिमँ आर्द्रीभावे  तीम् - तीमँ आर्द्रीभावे  स्तिम् - ष्टिमँ आर्द्रीभावे  स्तीम् - ष्टीमँ आर्द्रीभावे  व्रीड् - व्रीडँ चोदने लज्जायां च  इष् - इषँ ईषँ गतौ  सह् - षहँ चक्यर्थे  सुह् - षुहँ चक्यर्थे  जॄ  झॄ - झॄष् वयोहानौ  सू - षूङ् प्राणिप्रसवे  दू  दी - दीङ् क्षये  डी - डीङ् विहायसा गतौ  धी - धीङ् आधारे  मी - मीङ् हिंसायाम्  री - रीङ् श्रवणे  ली  व्री - व्रीङ् वृणोत्यर्थेँ  पी - पीङ् पाने  मा - माङ् माने  ई - ईङ् गतौ  प्री - प्रीङ् प्रीतौ प्रीणने  शो - शो तनूकरणे  छो - छो छेदने  सो - षो अन्तकर्मणि  दो - दो अवखण्डने  जन्  दीप्  पूर् - पूरीँ आप्यायने  तूर् - तूरीँ गतित्वरणहिंसनयोः  धूर् - धूरी हिंसागत्योः  गूर् - गूरीँ हिंसागत्योः  घूर् - घूरीँ हिंसावयोहन्योः  जूर् - जूरीँ हिंसावयोहन्योः  शूर् - शूरीँ हिंसास्तम्भनयोः हिंसस्तम्भयोः  चूर् - चूरीँ दाहे  तप् - तपँ दाहे ऐश्वेर्ये वा  वृत् - वृतुँ वरणे वर्तने  वावृत् - वावृतुँ वरणे वर्तने इति केचित्  क्लिश् - क्लिशँ उपतापे  काश् - काशृँ दीप्तौ  वाश् - वाशृँ शब्दे  मृष् - मृषँ तितिक्षायाम्  शुच् - ईँशुचिँर् पूतीभावे  नह् - णहँ बन्धने  रञ्ज् - रञ्जँ रागे मित् १९४०  शप् - शपँ आक्रोशे  पद् - पदँ गतौ  खिद् - खिदँ दैन्ये  विद् - विदँ सत्तायाम्  बुध्  युध्  रुध् - रुधँ कामे नित्यमनुपूर्वः  अण् - अणँ प्राणने  अन् - अनँ प्राणने इत्येके  मन् - मनँ ज्ञाने  युज् - युजँ समाधौ  सृज् - सृजँ विसर्गे  लिश् - लिशँ अल्पीभावे  राध् - राधोँ अकर्मकाद्वृद्धावेव  व्यध् - व्यधँ ताडने  पुष् - पुषँ पुष्टौ  शुष्  तुष्  दुष्  श्लिष्  शक् - शकँ विभाषितो मर्षणे  स्विद्  क्रुध्  क्षुध्  शुध्  सिध्  रध् - रधँ हिंसासंराद्ध्योः  नश्  तृप्  दृप्  द्रुह्  मुह्  स्नुह् - ष्णुहँ उद्गिरणे  स्निह्  शम्  तम्  दम्  श्रम्  भ्रम् - भ्रमुँ अनवस्थाने  क्षम्  क्लम्  मद् - मदीँ हर्षे हर्षग्लेपनयोः मित् १९२७  अस् - असुँ क्षेपने  यस् - यसुँ प्रयत्ने  जस् - जसुँ मोक्षने  तस् - तसुँ उपक्षये  दस् - दसुँ च उपक्षये  वस् - वसुँ स्तम्भे  बस् - बसुँ स्तम्भे इत्येके  भस् - भसुँ स्तम्भे इति केचित्  व्युष् - व्युषँ दाहे  व्युस् - व्युसँ विभागे इत्येके  ब्युस् - ब्युसँ विभागे इत्यन्ये  बुस् - बुसँ विभागे इत्यपरे  वुस् - वुसँ विभागे इति केचित्  प्युष् - प्युषँ विभागे इति केचित्  प्युस् - प्युसँ विभागे इति केचित्  पुष् - पुषँ विभागे च इति केचित्  प्लुष् - प्लुषँ च दाहे  विस् - विसँ प्रेरणे  बिस् - बिसँ प्रेरणे इत्येके  कुस् - कुसँ संश्लेषणे श्लेषणे  कुश् - कुशँ संश्लेषणे श्लेषणे इत्येके  कुंस् - कुंसँ संश्लेषणे श्लेषणे इत्यन्ये  कुंश् - कुंशँ संश्लेषणे श्लेषणे इत्यपरे  बुस् - बुसँ उत्सर्गे  मुस् - मुसँ खण्डने  मस् - मसीँ परिमाने  सम् - समीँ परिमाने इत्येके  लुट् - लुटँ विलोडने  लुठ् - लुठँ विलोडने इत्येके  उच् - उचँ समवाये  भृश् - भृशुँ अधःपतने  भृंश् - भृंशुँ अधःपतने  भ्रंश्  वृश् - वृशँ वरणे  कृश् - कृशँ तनूकरणे  तृष्  हृष्  रुष्  रिष् - रिषँ हिंसायाम्  डिप् - डिपँ क्षेपे  कुप्  गुप् - गुपँ व्याकुलत्वे  युप् - युपँ विमोहने  रुप् - रुपँ विमोहने  लुप् - लुपँ विमोहने  स्तुप् - ष्टुपँ समुच्छ्राये  स्तूप् - ष्टूपँ समुच्छ्राये इत्येके  लुभ्  क्षुभ् - क्षुभँ सञ्चलने  नभ् - णभँ हिंसायाम्  तुभ् - तुभँ हिंसायाम्  क्लिद्  मिद् - ञिमिदाँ स्नेहने  क्ष्विद् - ञिक्ष्विदाँ स्नेहनमोचनयोः गात्रप्रस्रवणे  ऋध्  गृध् - गृधुँ अभिकाङ्क्षायाम्