कृदन्तरूपाणि - वि + अव + कृष् + यङ्लुक् - कृषँ विलेखने - तुदादिः - अनिट्


कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
व्यवचरीकर्षणम् / व्यवचरिकर्षणम् / व्यवचर्कर्षणम्
अनीयर्
व्यवचरीकर्षणीयः / व्यवचरिकर्षणीयः / व्यवचर्कर्षणीयः - व्यवचरीकर्षणीया / व्यवचरिकर्षणीया / व्यवचर्कर्षणीया
ण्वुल्
व्यवचरीकर्षकः / व्यवचरिकर्षकः / व्यवचर्कर्षकः - व्यवचरीकर्षिका / व्यवचरिकर्षिका / व्यवचर्कर्षिका
तुमुँन्
व्यवचरीकर्षितुम् / व्यवचरिकर्षितुम् / व्यवचर्कर्षितुम्
तव्य
व्यवचरीकर्षितव्यः / व्यवचरिकर्षितव्यः / व्यवचर्कर्षितव्यः - व्यवचरीकर्षितव्या / व्यवचरिकर्षितव्या / व्यवचर्कर्षितव्या
तृच्
व्यवचरीकर्षिता / व्यवचरिकर्षिता / व्यवचर्कर्षिता - व्यवचरीकर्षित्री / व्यवचरिकर्षित्री / व्यवचर्कर्षित्री
ल्यप्
व्यवचरीकृष्य / व्यवचरिकृष्य / व्यवचर्कृष्य
क्तवतुँ
व्यवचरीकृषितवान् / व्यवचरिकृषितवान् / व्यवचर्कृषितवान् - व्यवचरीकृषितवती / व्यवचरिकृषितवती / व्यवचर्कृषितवती
क्त
व्यवचरीकृषितः / व्यवचरिकृषितः / व्यवचर्कृषितः - व्यवचरीकृषिता / व्यवचरिकृषिता / व्यवचर्कृषिता
शतृँ
व्यवचरीकृषन् / व्यवचरिकृषन् / व्यवचर्कृषन् - व्यवचरीकृषती / व्यवचरिकृषती / व्यवचर्कृषती
क्यप्
व्यवचरीकृष्यः / व्यवचरिकृष्यः / व्यवचर्कृष्यः - व्यवचरीकृष्या / व्यवचरिकृष्या / व्यवचर्कृष्या
घञ्
व्यवचरीकर्षः / व्यवचरिकर्षः / व्यवचर्कर्षः
व्यवचरीकृषः / व्यवचरिकृषः / व्यवचर्कृषः - व्यवचरीकृषा / व्यवचरिकृषा / व्यवचर्कृषा
व्यवचरीकर्षा / व्यवचरिकर्षा / व्यवचर्कर्षा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः



अन्याः