कृदन्तरूपाणि - निर् + लिख् + सन् - लिखँ अक्षरविन्यासे - तुदादिः - सेट्


कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
निर्लिलिखिषणम् / निर्लिलेखिषणम्
अनीयर्
निर्लिलिखिषणीयः / निर्लिलेखिषणीयः - निर्लिलिखिषणीया / निर्लिलेखिषणीया
ण्वुल्
निर्लिलिखिषकः / निर्लिलेखिषकः - निर्लिलिखिषिका / निर्लिलेखिषिका
तुमुँन्
निर्लिलिखिषितुम् / निर्लिलेखिषितुम्
तव्य
निर्लिलिखिषितव्यः / निर्लिलेखिषितव्यः - निर्लिलिखिषितव्या / निर्लिलेखिषितव्या
तृच्
निर्लिलिखिषिता / निर्लिलेखिषिता - निर्लिलिखिषित्री / निर्लिलेखिषित्री
ल्यप्
निर्लिलिखिष्य / निर्लिलेखिष्य
क्तवतुँ
निर्लिलिखिषितवान् / निर्लिलेखिषितवान् - निर्लिलिखिषितवती / निर्लिलेखिषितवती
क्त
निर्लिलिखिषितः / निर्लिलेखिषितः - निर्लिलिखिषिता / निर्लिलेखिषिता
शतृँ
निर्लिलिखिषन् / निर्लिलेखिषन् - निर्लिलिखिषन्ती / निर्लिलेखिषन्ती
यत्
निर्लिलिखिष्यः / निर्लिलेखिष्यः - निर्लिलिखिष्या / निर्लिलेखिष्या
अच्
निर्लिलिखिषः / निर्लिलेखिषः - निर्लिलिखिषा - निर्लिलेखिषा
घञ्
निर्लिलिखिषः / निर्लिलेखिषः
निर्लिलिखिषा / निर्लिलेखिषा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः



अन्याः