कृदन्तरूपाणि - सम् + नख् + सन् - णखँ गत्यर्थः - भ्वादिः - सेट्


कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
सन्निनखिषणम् / संनिनखिषणम्
अनीयर्
सन्निनखिषणीयः / संनिनखिषणीयः - सन्निनखिषणीया / संनिनखिषणीया
ण्वुल्
सन्निनखिषकः / संनिनखिषकः - सन्निनखिषिका / संनिनखिषिका
तुमुँन्
सन्निनखिषितुम् / संनिनखिषितुम्
तव्य
सन्निनखिषितव्यः / संनिनखिषितव्यः - सन्निनखिषितव्या / संनिनखिषितव्या
तृच्
सन्निनखिषिता / संनिनखिषिता - सन्निनखिषित्री / संनिनखिषित्री
ल्यप्
सन्निनखिष्य / संनिनखिष्य
क्तवतुँ
सन्निनखिषितवान् / संनिनखिषितवान् - सन्निनखिषितवती / संनिनखिषितवती
क्त
सन्निनखिषितः / संनिनखिषितः - सन्निनखिषिता / संनिनखिषिता
शतृँ
सन्निनखिषन् / संनिनखिषन् - सन्निनखिषन्ती / संनिनखिषन्ती
यत्
सन्निनखिष्यः / संनिनखिष्यः - सन्निनखिष्या / संनिनखिष्या
अच्
सन्निनखिषः / संनिनखिषः - सन्निनखिषा - संनिनखिषा
घञ्
सन्निनखिषः / संनिनखिषः
सन्निनखिषा / संनिनखिषा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः