कृदन्तरूपाणि - परि + सभाज - सभाज प्रीतिदर्शनयोः प्रीतिसेवनयोरित्येके - चुरादिः - सेट्
कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
अनीयर्
परिसभाजनीयः - परिसभाजनीया
तव्य
परिसभाजयितव्यः - परिसभाजयितव्या
तृच्
परिसभाजयिता - परिसभाजयित्री
क्तवतुँ
परिसभाजितवान् - परिसभाजितवती
शतृँ
परिसभाजयन् - परिसभाजयन्ती
शानच्
परिसभाजयमानः - परिसभाजयमाना