कृदन्तरूपाणि - परा + सभाज - सभाज प्रीतिदर्शनयोः प्रीतिसेवनयोरित्येके - चुरादिः - सेट्


कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
परासभाजनम्
अनीयर्
परासभाजनीयः - परासभाजनीया
ण्वुल्
परासभाजकः - परासभाजिका
तुमुँन्
परासभाजयितुम्
तव्य
परासभाजयितव्यः - परासभाजयितव्या
तृच्
परासभाजयिता - परासभाजयित्री
ल्यप्
परासभाज्य
क्तवतुँ
परासभाजितवान् - परासभाजितवती
क्त
परासभाजितः - परासभाजिता
शतृँ
परासभाजयन् - परासभाजयन्ती
शानच्
परासभाजयमानः - परासभाजयमाना
यत्
परासभाज्यः - परासभाज्या
अच्
परासभाजः - परासभाजा
युच्
परासभाजना


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः