कृदन्तरूपाणि - दुर् + मस्क् + णिच्+सन् - मस्कँ गत्यर्थः - भ्वादिः - सेट्


कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
दुर्मिमस्कयिषणम्
अनीयर्
दुर्मिमस्कयिषणीयः - दुर्मिमस्कयिषणीया
ण्वुल्
दुर्मिमस्कयिषकः - दुर्मिमस्कयिषिका
तुमुँन्
दुर्मिमस्कयिषितुम्
तव्य
दुर्मिमस्कयिषितव्यः - दुर्मिमस्कयिषितव्या
तृच्
दुर्मिमस्कयिषिता - दुर्मिमस्कयिषित्री
ल्यप्
दुर्मिमस्कयिष्य
क्तवतुँ
दुर्मिमस्कयिषितवान् - दुर्मिमस्कयिषितवती
क्त
दुर्मिमस्कयिषितः - दुर्मिमस्कयिषिता
शतृँ
दुर्मिमस्कयिषन् - दुर्मिमस्कयिषन्ती
शानच्
दुर्मिमस्कयिषमाणः - दुर्मिमस्कयिषमाणा
यत्
दुर्मिमस्कयिष्यः - दुर्मिमस्कयिष्या
अच्
दुर्मिमस्कयिषः - दुर्मिमस्कयिषा
घञ्
दुर्मिमस्कयिषः
दुर्मिमस्कयिषा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः