दुर् + श्लङ्क् + सन् + णिच् धातुरूपाणि - श्लकिँ गतौ गत्यर्थः - भ्वादिः - आशीर्लिङ् लकारः


 
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
दुःशिश्लङ्किष्यात् / दुःशिश्लङ्किष्याद् / दुश्शिश्लङ्किष्यात् / दुश्शिश्लङ्किष्याद्
दुःशिश्लङ्किष्यास्ताम् / दुश्शिश्लङ्किष्यास्ताम्
दुःशिश्लङ्किष्यासुः / दुश्शिश्लङ्किष्यासुः
मध्यम
दुःशिश्लङ्किष्याः / दुश्शिश्लङ्किष्याः
दुःशिश्लङ्किष्यास्तम् / दुश्शिश्लङ्किष्यास्तम्
दुःशिश्लङ्किष्यास्त / दुश्शिश्लङ्किष्यास्त
उत्तम
दुःशिश्लङ्किष्यासम् / दुश्शिश्लङ्किष्यासम्
दुःशिश्लङ्किष्यास्व / दुश्शिश्लङ्किष्यास्व
दुःशिश्लङ्किष्यास्म / दुश्शिश्लङ्किष्यास्म
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
दुःशिश्लङ्किषयिषीष्ट / दुश्शिश्लङ्किषयिषीष्ट
दुःशिश्लङ्किषयिषीयास्ताम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीयास्ताम्
दुःशिश्लङ्किषयिषीरन् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीरन्
मध्यम
दुःशिश्लङ्किषयिषीष्ठाः / दुश्शिश्लङ्किषयिषीष्ठाः
दुःशिश्लङ्किषयिषीयास्थाम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीयास्थाम्
दुःशिश्लङ्किषयिषीढ्वम् / दुःशिश्लङ्किषयिषीध्वम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीढ्वम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीध्वम्
उत्तम
दुःशिश्लङ्किषयिषीय / दुश्शिश्लङ्किषयिषीय
दुःशिश्लङ्किषयिषीवहि / दुश्शिश्लङ्किषयिषीवहि
दुःशिश्लङ्किषयिषीमहि / दुश्शिश्लङ्किषयिषीमहि
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
दुःशिश्लङ्किषिषीष्ट / दुश्शिश्लङ्किषिषीष्ट / दुःशिश्लङ्किषयिषीष्ट / दुश्शिश्लङ्किषयिषीष्ट
दुःशिश्लङ्किषिषीयास्ताम् / दुश्शिश्लङ्किषिषीयास्ताम् / दुःशिश्लङ्किषयिषीयास्ताम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीयास्ताम्
दुःशिश्लङ्किषिषीरन् / दुश्शिश्लङ्किषिषीरन् / दुःशिश्लङ्किषयिषीरन् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीरन्
मध्यम
दुःशिश्लङ्किषिषीष्ठाः / दुश्शिश्लङ्किषिषीष्ठाः / दुःशिश्लङ्किषयिषीष्ठाः / दुश्शिश्लङ्किषयिषीष्ठाः
दुःशिश्लङ्किषिषीयास्थाम् / दुश्शिश्लङ्किषिषीयास्थाम् / दुःशिश्लङ्किषयिषीयास्थाम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीयास्थाम्
दुःशिश्लङ्किषिषीध्वम् / दुश्शिश्लङ्किषिषीध्वम् / दुःशिश्लङ्किषयिषीढ्वम् / दुःशिश्लङ्किषयिषीध्वम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीढ्वम् / दुश्शिश्लङ्किषयिषीध्वम्
उत्तम
दुःशिश्लङ्किषिषीय / दुश्शिश्लङ्किषिषीय / दुःशिश्लङ्किषयिषीय / दुश्शिश्लङ्किषयिषीय
दुःशिश्लङ्किषिषीवहि / दुश्शिश्लङ्किषिषीवहि / दुःशिश्लङ्किषयिषीवहि / दुश्शिश्लङ्किषयिषीवहि
दुःशिश्लङ्किषिषीमहि / दुश्शिश्लङ्किषिषीमहि / दुःशिश्लङ्किषयिषीमहि / दुश्शिश्लङ्किषयिषीमहि
 


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः