उत् + श्लोक् धातुरूपाणि - श्लोकृँ सङ्घाते - भ्वादिः - लोट् लकारः


 
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उच्छ्लोकताम् / उच्श्लोकताम्
उच्छ्लोकेताम् / उच्श्लोकेताम्
उच्छ्लोकन्ताम् / उच्श्लोकन्ताम्
मध्यम
उच्छ्लोकस्व / उच्श्लोकस्व
उच्छ्लोकेथाम् / उच्श्लोकेथाम्
उच्छ्लोकध्वम् / उच्श्लोकध्वम्
उत्तम
उच्छ्लोकै / उच्श्लोकै
उच्छ्लोकावहै / उच्श्लोकावहै
उच्छ्लोकामहै / उच्श्लोकामहै
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उच्छ्लोक्यताम् / उच्श्लोक्यताम्
उच्छ्लोक्येताम् / उच्श्लोक्येताम्
उच्छ्लोक्यन्ताम् / उच्श्लोक्यन्ताम्
मध्यम
उच्छ्लोक्यस्व / उच्श्लोक्यस्व
उच्छ्लोक्येथाम् / उच्श्लोक्येथाम्
उच्छ्लोक्यध्वम् / उच्श्लोक्यध्वम्
उत्तम
उच्छ्लोक्यै / उच्श्लोक्यै
उच्छ्लोक्यावहै / उच्श्लोक्यावहै
उच्छ्लोक्यामहै / उच्श्लोक्यामहै
 


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः