परि + लख् + सन् + णिच् धातुरूपाणि - लखँ गत्यर्थः - भ्वादिः - लुङ् लकारः


 
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
पर्यलिलखिषत् / पर्यलिलखिषद्
पर्यलिलखिषताम्
पर्यलिलखिषन्
मध्यम
पर्यलिलखिषः
पर्यलिलखिषतम्
पर्यलिलखिषत
उत्तम
पर्यलिलखिषम्
पर्यलिलखिषाव
पर्यलिलखिषाम
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
पर्यलिलखिषत
पर्यलिलखिषेताम्
पर्यलिलखिषन्त
मध्यम
पर्यलिलखिषथाः
पर्यलिलखिषेथाम्
पर्यलिलखिषध्वम्
उत्तम
पर्यलिलखिषे
पर्यलिलखिषावहि
पर्यलिलखिषामहि
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
पर्यलिलखिषि
पर्यलिलखिषिषाताम् / पर्यलिलखिषयिषाताम्
पर्यलिलखिषिषत / पर्यलिलखिषयिषत
मध्यम
पर्यलिलखिषिष्ठाः / पर्यलिलखिषयिष्ठाः
पर्यलिलखिषिषाथाम् / पर्यलिलखिषयिषाथाम्
पर्यलिलखिषिढ्वम् / पर्यलिलखिषयिढ्वम् / पर्यलिलखिषयिध्वम्
उत्तम
पर्यलिलखिषिषि / पर्यलिलखिषयिषि
पर्यलिलखिषिष्वहि / पर्यलिलखिषयिष्वहि
पर्यलिलखिषिष्महि / पर्यलिलखिषयिष्महि
 


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः