नि + श्लथ् + णिच् धातुरूपाणि - श्लथँ हिंसार्थः - भ्वादिः - लुङ् लकारः


 
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
न्यशिश्लथत् / न्यशिश्लथद्
न्यशिश्लथताम्
न्यशिश्लथन्
मध्यम
न्यशिश्लथः
न्यशिश्लथतम्
न्यशिश्लथत
उत्तम
न्यशिश्लथम्
न्यशिश्लथाव
न्यशिश्लथाम
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
न्यशिश्लथत
न्यशिश्लथेताम्
न्यशिश्लथन्त
मध्यम
न्यशिश्लथथाः
न्यशिश्लथेथाम्
न्यशिश्लथध्वम्
उत्तम
न्यशिश्लथे
न्यशिश्लथावहि
न्यशिश्लथामहि
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
न्यश्लाथि / न्यश्लथि
न्यश्लाथिषाताम् / न्यश्लथिषाताम् / न्यश्लथयिषाताम्
न्यश्लाथिषत / न्यश्लथिषत / न्यश्लथयिषत
मध्यम
न्यश्लाथिष्ठाः / न्यश्लथिष्ठाः / न्यश्लथयिष्ठाः
न्यश्लाथिषाथाम् / न्यश्लथिषाथाम् / न्यश्लथयिषाथाम्
न्यश्लाथिढ्वम् / न्यश्लथिढ्वम् / न्यश्लथयिढ्वम् / न्यश्लथयिध्वम्
उत्तम
न्यश्लाथिषि / न्यश्लथिषि / न्यश्लथयिषि
न्यश्लाथिष्वहि / न्यश्लथिष्वहि / न्यश्लथयिष्वहि
न्यश्लाथिष्महि / न्यश्लथिष्महि / न्यश्लथयिष्महि
 


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः