उत् + कृष् धातुरूपाणि - कृषँ विलेखने - तुदादिः - लुट् लकारः


 
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः परस्मै पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उत्क्रष्टा / उत्कर्ष्टा
उत्क्रष्टारौ / उत्कर्ष्टारौ
उत्क्रष्टारः / उत्कर्ष्टारः
मध्यम
उत्क्रष्टासि / उत्कर्ष्टासि
उत्क्रष्टास्थः / उत्कर्ष्टास्थः
उत्क्रष्टास्थ / उत्कर्ष्टास्थ
उत्तम
उत्क्रष्टास्मि / उत्कर्ष्टास्मि
उत्क्रष्टास्वः / उत्कर्ष्टास्वः
उत्क्रष्टास्मः / उत्कर्ष्टास्मः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उत्क्रष्टा / उत्कर्ष्टा
उत्क्रष्टारौ / उत्कर्ष्टारौ
उत्क्रष्टारः / उत्कर्ष्टारः
मध्यम
उत्क्रष्टासे / उत्कर्ष्टासे
उत्क्रष्टासाथे / उत्कर्ष्टासाथे
उत्क्रष्टाध्वे / उत्कर्ष्टाध्वे
उत्तम
उत्क्रष्टाहे / उत्कर्ष्टाहे
उत्क्रष्टास्वहे / उत्कर्ष्टास्वहे
उत्क्रष्टास्महे / उत्कर्ष्टास्महे
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उत्क्रष्टा / उत्कर्ष्टा
उत्क्रष्टारौ / उत्कर्ष्टारौ
उत्क्रष्टारः / उत्कर्ष्टारः
मध्यम
उत्क्रष्टासे / उत्कर्ष्टासे
उत्क्रष्टासाथे / उत्कर्ष्टासाथे
उत्क्रष्टाध्वे / उत्कर्ष्टाध्वे
उत्तम
उत्क्रष्टाहे / उत्कर्ष्टाहे
उत्क्रष्टास्वहे / उत्कर्ष्टास्वहे
उत्क्रष्टास्महे / उत्कर्ष्टास्महे
 


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः