कृदन्तरूपाणि - परा + लोक् + सन् + णिच् - लोकृँ भाषार्थः - चुरादिः - सेट्


 
कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
परालुलोकयिषणम्
अनीयर्
परालुलोकयिषणीयः - परालुलोकयिषणीया
ण्वुल्
परालुलोकयिषकः - परालुलोकयिषिका
तुमुँन्
परालुलोकयिषयितुम्
तव्य
परालुलोकयिषयितव्यः - परालुलोकयिषयितव्या
तृच्
परालुलोकयिषयिता - परालुलोकयिषयित्री
ल्यप्
परालुलोकयिषय्य
क्तवतुँ
परालुलोकयिषितवान् - परालुलोकयिषितवती
क्त
परालुलोकयिषितः - परालुलोकयिषिता
शतृँ
परालुलोकयिषयन् - परालुलोकयिषयन्ती
शानच्
परालुलोकयिषयमाणः - परालुलोकयिषयमाणा
यत्
परालुलोकयिष्यः - परालुलोकयिष्या
अच्
परालुलोकयिषः - परालुलोकयिषा
घञ्
परालुलोकयिषः
परालुलोकयिषा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः


अन्याः