कृदन्तरूपाणि - निस् + हृष् + णिच् + सन् - हृषँ तुष्टौ - दिवादिः - सेट्


 
कृत् प्रत्ययाः
कृदन्तरूपाणि
ल्युट्
निर्जिहर्षयिषणम्
अनीयर्
निर्जिहर्षयिषणीयः - निर्जिहर्षयिषणीया
ण्वुल्
निर्जिहर्षयिषकः - निर्जिहर्षयिषिका
तुमुँन्
निर्जिहर्षयिषितुम्
तव्य
निर्जिहर्षयिषितव्यः - निर्जिहर्षयिषितव्या
तृच्
निर्जिहर्षयिषिता - निर्जिहर्षयिषित्री
ल्यप्
निर्जिहर्षयिष्य
क्तवतुँ
निर्जिहर्षयिषितवान् - निर्जिहर्षयिषितवती
क्त
निर्जिहर्षयिषितः - निर्जिहर्षयिषिता
शतृँ
निर्जिहर्षयिषन् - निर्जिहर्षयिषन्ती
शानच्
निर्जिहर्षयिषमाणः - निर्जिहर्षयिषमाणा
यत्
निर्जिहर्षयिष्यः - निर्जिहर्षयिष्या
अच्
निर्जिहर्षयिषः - निर्जिहर्षयिषा
घञ्
निर्जिहर्षयिषः
निर्जिहर्षयिषा


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः


अन्याः