विष्क् धातुरूपाणि - विष्कँ हिंसायाम् - चुरादिः - लिट् लकारः


 
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 

कर्तरि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विष्कयाञ्चक्रे / विष्कयांचक्रे / विष्कयाम्बभूव / विष्कयांबभूव / विष्कयामास
विष्कयाञ्चक्राते / विष्कयांचक्राते / विष्कयाम्बभूवतुः / विष्कयांबभूवतुः / विष्कयामासतुः
विष्कयाञ्चक्रिरे / विष्कयांचक्रिरे / विष्कयाम्बभूवुः / विष्कयांबभूवुः / विष्कयामासुः
मध्यम
विष्कयाञ्चकृषे / विष्कयांचकृषे / विष्कयाम्बभूविथ / विष्कयांबभूविथ / विष्कयामासिथ
विष्कयाञ्चक्राथे / विष्कयांचक्राथे / विष्कयाम्बभूवथुः / विष्कयांबभूवथुः / विष्कयामासथुः
विष्कयाञ्चकृढ्वे / विष्कयांचकृढ्वे / विष्कयाम्बभूव / विष्कयांबभूव / विष्कयामास
उत्तम
विष्कयाञ्चक्रे / विष्कयांचक्रे / विष्कयाम्बभूव / विष्कयांबभूव / विष्कयामास
विष्कयाञ्चकृवहे / विष्कयांचकृवहे / विष्कयाम्बभूविव / विष्कयांबभूविव / विष्कयामासिव
विष्कयाञ्चकृमहे / विष्कयांचकृमहे / विष्कयाम्बभूविम / विष्कयांबभूविम / विष्कयामासिम
 

कर्मणि प्रयोगः आत्मने पदम्

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विष्कयाञ्चक्रे / विष्कयांचक्रे / विष्कयाम्बभूवे / विष्कयांबभूवे / विष्कयामाहे
विष्कयाञ्चक्राते / विष्कयांचक्राते / विष्कयाम्बभूवाते / विष्कयांबभूवाते / विष्कयामासाते
विष्कयाञ्चक्रिरे / विष्कयांचक्रिरे / विष्कयाम्बभूविरे / विष्कयांबभूविरे / विष्कयामासिरे
मध्यम
विष्कयाञ्चकृषे / विष्कयांचकृषे / विष्कयाम्बभूविषे / विष्कयांबभूविषे / विष्कयामासिषे
विष्कयाञ्चक्राथे / विष्कयांचक्राथे / विष्कयाम्बभूवाथे / विष्कयांबभूवाथे / विष्कयामासाथे
विष्कयाञ्चकृढ्वे / विष्कयांचकृढ्वे / विष्कयाम्बभूविध्वे / विष्कयांबभूविध्वे / विष्कयाम्बभूविढ्वे / विष्कयांबभूविढ्वे / विष्कयामासिध्वे
उत्तम
विष्कयाञ्चक्रे / विष्कयांचक्रे / विष्कयाम्बभूवे / विष्कयांबभूवे / विष्कयामाहे
विष्कयाञ्चकृवहे / विष्कयांचकृवहे / विष्कयाम्बभूविवहे / विष्कयांबभूविवहे / विष्कयामासिवहे
विष्कयाञ्चकृमहे / विष्कयांचकृमहे / विष्कयाम्बभूविमहे / विष्कयांबभूविमहे / विष्कयामासिमहे
 


सनादि प्रत्ययाः

उपसर्गाः