कृदन्तरूपाणि - वि + राख् + शतृँ - राखृँ शोषणालमर्थ्योः - भ्वादिः - सेट्


 
प्रातिपदिकम्
प्रथमा एकवचनम्
विराखत् (पुं)
विराखन्
विराखन्ती (स्त्री)
विराखन्ती
विराखत् (नपुं)
विराखत् / विराखद्