हृ धातुरूपाणि - कर्तरि प्रयोगः लोट् लकारः आत्मने पदम्
हृञ् हरणे - भ्वादिः
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
हरताम्
हरेताम्
हरन्ताम्
मध्यम पुरुषः
हरस्व
हरेथाम्
हरध्वम्
उत्तम पुरुषः
हरै
हरावहै
हरामहै
प्रथम
हरताम्
हरेताम्
हरन्ताम्
मध्यम
हरस्व
हरेथाम्
हरध्वम्