वि + रु धातुरूपाणि - रुङ् गतिरोषणयोः - भ्वादिः - कर्मणि प्रयोगः आशीर्लिङ् लकारः आत्मने पदम्
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विराविषीष्ट / विरोषीष्ट
विराविषीयास्ताम् / विरोषीयास्ताम्
विराविषीरन् / विरोषीरन्
मध्यम
विराविषीष्ठाः / विरोषीष्ठाः
विराविषीयास्थाम् / विरोषीयास्थाम्
विराविषीढ्वम् / विराविषीध्वम् / विरोषीढ्वम्
उत्तम
विराविषीय / विरोषीय
विराविषीवहि / विरोषीवहि
विराविषीमहि / विरोषीमहि