वि + प्र + लभ् + णिच् धातुरूपाणि - कर्मणि प्रयोगः लिट् लकारः आत्मने पदम्

डुलभँष् प्राप्तौ - भ्वादिः

 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विप्रलम्भयाञ्चक्रे / विप्रलम्भयांचक्रे / विप्रलम्भयाम्बभूवे / विप्रलम्भयांबभूवे / विप्रलम्भयामाहे
विप्रलम्भयाञ्चक्राते / विप्रलम्भयांचक्राते / विप्रलम्भयाम्बभूवाते / विप्रलम्भयांबभूवाते / विप्रलम्भयामासाते
विप्रलम्भयाञ्चक्रिरे / विप्रलम्भयांचक्रिरे / विप्रलम्भयाम्बभूविरे / विप्रलम्भयांबभूविरे / विप्रलम्भयामासिरे
मध्यम
विप्रलम्भयाञ्चकृषे / विप्रलम्भयांचकृषे / विप्रलम्भयाम्बभूविषे / विप्रलम्भयांबभूविषे / विप्रलम्भयामासिषे
विप्रलम्भयाञ्चक्राथे / विप्रलम्भयांचक्राथे / विप्रलम्भयाम्बभूवाथे / विप्रलम्भयांबभूवाथे / विप्रलम्भयामासाथे
विप्रलम्भयाञ्चकृढ्वे / विप्रलम्भयांचकृढ्वे / विप्रलम्भयाम्बभूविध्वे / विप्रलम्भयांबभूविध्वे / विप्रलम्भयाम्बभूविढ्वे / विप्रलम्भयांबभूविढ्वे / विप्रलम्भयामासिध्वे
उत्तम
विप्रलम्भयाञ्चक्रे / विप्रलम्भयांचक्रे / विप्रलम्भयाम्बभूवे / विप्रलम्भयांबभूवे / विप्रलम्भयामाहे
विप्रलम्भयाञ्चकृवहे / विप्रलम्भयांचकृवहे / विप्रलम्भयाम्बभूविवहे / विप्रलम्भयांबभूविवहे / विप्रलम्भयामासिवहे
विप्रलम्भयाञ्चकृमहे / विप्रलम्भयांचकृमहे / विप्रलम्भयाम्बभूविमहे / विप्रलम्भयांबभूविमहे / विप्रलम्भयामासिमहे