वि + ध्रेक् + णिच् धातुरूपाणि - ध्रेकृँ शब्दोत्साहयोः - भ्वादिः - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम्


 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विध्रेकयाञ्चकार / विध्रेकयांचकार / विध्रेकयाम्बभूव / विध्रेकयांबभूव / विध्रेकयामास
विध्रेकयाञ्चक्रतुः / विध्रेकयांचक्रतुः / विध्रेकयाम्बभूवतुः / विध्रेकयांबभूवतुः / विध्रेकयामासतुः
विध्रेकयाञ्चक्रुः / विध्रेकयांचक्रुः / विध्रेकयाम्बभूवुः / विध्रेकयांबभूवुः / विध्रेकयामासुः
मध्यम
विध्रेकयाञ्चकर्थ / विध्रेकयांचकर्थ / विध्रेकयाम्बभूविथ / विध्रेकयांबभूविथ / विध्रेकयामासिथ
विध्रेकयाञ्चक्रथुः / विध्रेकयांचक्रथुः / विध्रेकयाम्बभूवथुः / विध्रेकयांबभूवथुः / विध्रेकयामासथुः
विध्रेकयाञ्चक्र / विध्रेकयांचक्र / विध्रेकयाम्बभूव / विध्रेकयांबभूव / विध्रेकयामास
उत्तम
विध्रेकयाञ्चकर / विध्रेकयांचकर / विध्रेकयाञ्चकार / विध्रेकयांचकार / विध्रेकयाम्बभूव / विध्रेकयांबभूव / विध्रेकयामास
विध्रेकयाञ्चकृव / विध्रेकयांचकृव / विध्रेकयाम्बभूविव / विध्रेकयांबभूविव / विध्रेकयामासिव
विध्रेकयाञ्चकृम / विध्रेकयांचकृम / विध्रेकयाम्बभूविम / विध्रेकयांबभूविम / विध्रेकयामासिम