मह धातुरूपाणि - मह पूजायाम् - चुरादिः - कर्मणि प्रयोगः लिट् लकारः आत्मने पदम्


 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
महयाञ्चक्रे / महयांचक्रे / महयाम्बभूवे / महयांबभूवे / महयामाहे
महयाञ्चक्राते / महयांचक्राते / महयाम्बभूवाते / महयांबभूवाते / महयामासाते
महयाञ्चक्रिरे / महयांचक्रिरे / महयाम्बभूविरे / महयांबभूविरे / महयामासिरे
मध्यम
महयाञ्चकृषे / महयांचकृषे / महयाम्बभूविषे / महयांबभूविषे / महयामासिषे
महयाञ्चक्राथे / महयांचक्राथे / महयाम्बभूवाथे / महयांबभूवाथे / महयामासाथे
महयाञ्चकृढ्वे / महयांचकृढ्वे / महयाम्बभूविध्वे / महयांबभूविध्वे / महयाम्बभूविढ्वे / महयांबभूविढ्वे / महयामासिध्वे
उत्तम
महयाञ्चक्रे / महयांचक्रे / महयाम्बभूवे / महयांबभूवे / महयामाहे
महयाञ्चकृवहे / महयांचकृवहे / महयाम्बभूविवहे / महयांबभूविवहे / महयामासिवहे
महयाञ्चकृमहे / महयांचकृमहे / महयाम्बभूविमहे / महयांबभूविमहे / महयामासिमहे