परि + मन्थ् + णिच् धातुरूपाणि - मथिँ हिंसासङ्क्लेशनयोः - भ्वादिः - कर्मणि प्रयोगः लिट् लकारः आत्मने पदम्
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परिमन्थयाञ्चक्रे / परिमन्थयांचक्रे / परिमन्थयाम्बभूवे / परिमन्थयांबभूवे / परिमन्थयामाहे
परिमन्थयाञ्चक्राते / परिमन्थयांचक्राते / परिमन्थयाम्बभूवाते / परिमन्थयांबभूवाते / परिमन्थयामासाते
परिमन्थयाञ्चक्रिरे / परिमन्थयांचक्रिरे / परिमन्थयाम्बभूविरे / परिमन्थयांबभूविरे / परिमन्थयामासिरे
मध्यम
परिमन्थयाञ्चकृषे / परिमन्थयांचकृषे / परिमन्थयाम्बभूविषे / परिमन्थयांबभूविषे / परिमन्थयामासिषे
परिमन्थयाञ्चक्राथे / परिमन्थयांचक्राथे / परिमन्थयाम्बभूवाथे / परिमन्थयांबभूवाथे / परिमन्थयामासाथे
परिमन्थयाञ्चकृढ्वे / परिमन्थयांचकृढ्वे / परिमन्थयाम्बभूविध्वे / परिमन्थयांबभूविध्वे / परिमन्थयाम्बभूविढ्वे / परिमन्थयांबभूविढ्वे / परिमन्थयामासिध्वे
उत्तम
परिमन्थयाञ्चक्रे / परिमन्थयांचक्रे / परिमन्थयाम्बभूवे / परिमन्थयांबभूवे / परिमन्थयामाहे
परिमन्थयाञ्चकृवहे / परिमन्थयांचकृवहे / परिमन्थयाम्बभूविवहे / परिमन्थयांबभूविवहे / परिमन्थयामासिवहे
परिमन्थयाञ्चकृमहे / परिमन्थयांचकृमहे / परिमन्थयाम्बभूविमहे / परिमन्थयांबभूविमहे / परिमन्थयामासिमहे