नि + लोक् धातुरूपाणि - कर्मणि प्रयोगः लोट् लकारः आत्मने पदम्

लोकृँ दर्शने - भ्वादिः

 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
निलोक्यताम्
निलोक्येताम्
निलोक्यन्ताम्
मध्यम
निलोक्यस्व
निलोक्येथाम्
निलोक्यध्वम्
उत्तम
निलोक्यै
निलोक्यावहै
निलोक्यामहै