नि + लोक् धातुरूपाणि - कर्तरि प्रयोगः लङ् लकारः आत्मने पदम्
लोकृँ दर्शने - भ्वादिः
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
न्यलोकत
न्यलोकेताम्
न्यलोकन्त
मध्यम पुरुषः
न्यलोकथाः
न्यलोकेथाम्
न्यलोकध्वम्
उत्तम पुरुषः
न्यलोके
न्यलोकावहि
न्यलोकामहि
प्रथम
न्यलोकत
न्यलोकेताम्
न्यलोकन्त
मध्यम
न्यलोकथाः
न्यलोकेथाम्
न्यलोकध्वम्
उत्तम
न्यलोके
न्यलोकावहि
न्यलोकामहि