नन्द् + णिच् धातुरूपाणि - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम्

टुनदिँ समृद्धौ - भ्वादिः

 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
नन्दयाञ्चकार / नन्दयांचकार / नन्दयाम्बभूव / नन्दयांबभूव / नन्दयामास
नन्दयाञ्चक्रतुः / नन्दयांचक्रतुः / नन्दयाम्बभूवतुः / नन्दयांबभूवतुः / नन्दयामासतुः
नन्दयाञ्चक्रुः / नन्दयांचक्रुः / नन्दयाम्बभूवुः / नन्दयांबभूवुः / नन्दयामासुः
मध्यम
नन्दयाञ्चकर्थ / नन्दयांचकर्थ / नन्दयाम्बभूविथ / नन्दयांबभूविथ / नन्दयामासिथ
नन्दयाञ्चक्रथुः / नन्दयांचक्रथुः / नन्दयाम्बभूवथुः / नन्दयांबभूवथुः / नन्दयामासथुः
नन्दयाञ्चक्र / नन्दयांचक्र / नन्दयाम्बभूव / नन्दयांबभूव / नन्दयामास
उत्तम
नन्दयाञ्चकर / नन्दयांचकर / नन्दयाञ्चकार / नन्दयांचकार / नन्दयाम्बभूव / नन्दयांबभूव / नन्दयामास
नन्दयाञ्चकृव / नन्दयांचकृव / नन्दयाम्बभूविव / नन्दयांबभूविव / नन्दयामासिव
नन्दयाञ्चकृम / नन्दयांचकृम / नन्दयाम्बभूविम / नन्दयांबभूविम / नन्दयामासिम