दुस् + त्रिङ्ख् + सन् + णिच् धातुरूपाणि - त्रिखिँ गत्यर्थः इत्यपि केचित् - भ्वादिः - कर्मणि प्रयोगः लिट् लकारः आत्मने पदम्


 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चक्रे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचक्रे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूवे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूवे / दुस्तित्रिङ्खिषयामाहे
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चक्राते / दुस्तित्रिङ्खिषयांचक्राते / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूवाते / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूवाते / दुस्तित्रिङ्खिषयामासाते
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चक्रिरे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचक्रिरे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूविरे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूविरे / दुस्तित्रिङ्खिषयामासिरे
मध्यम
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चकृषे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचकृषे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूविषे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूविषे / दुस्तित्रिङ्खिषयामासिषे
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चक्राथे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचक्राथे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूवाथे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूवाथे / दुस्तित्रिङ्खिषयामासाथे
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चकृढ्वे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचकृढ्वे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूविध्वे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूविध्वे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूविढ्वे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूविढ्वे / दुस्तित्रिङ्खिषयामासिध्वे
उत्तम
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चक्रे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचक्रे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूवे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूवे / दुस्तित्रिङ्खिषयामाहे
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चकृवहे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचकृवहे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूविवहे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूविवहे / दुस्तित्रिङ्खिषयामासिवहे
दुस्तित्रिङ्खिषयाञ्चकृमहे / दुस्तित्रिङ्खिषयांचकृमहे / दुस्तित्रिङ्खिषयाम्बभूविमहे / दुस्तित्रिङ्खिषयांबभूविमहे / दुस्तित्रिङ्खिषयामासिमहे