त्रंस् धातुरूपाणि - त्रसिँ भाषार्थः - चुरादिः - कर्मणि प्रयोगः लिट् लकारः आत्मने पदम्


 
 
एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथम पुरुषः
मध्यम पुरुषः
उत्तम पुरुषः
 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
त्रंसयाञ्चक्रे / त्रंसयांचक्रे / त्रंसयाम्बभूवे / त्रंसयांबभूवे / त्रंसयामाहे / तत्रंसे
त्रंसयाञ्चक्राते / त्रंसयांचक्राते / त्रंसयाम्बभूवाते / त्रंसयांबभूवाते / त्रंसयामासाते / तत्रंसाते
त्रंसयाञ्चक्रिरे / त्रंसयांचक्रिरे / त्रंसयाम्बभूविरे / त्रंसयांबभूविरे / त्रंसयामासिरे / तत्रंसिरे
मध्यम
त्रंसयाञ्चकृषे / त्रंसयांचकृषे / त्रंसयाम्बभूविषे / त्रंसयांबभूविषे / त्रंसयामासिषे / तत्रंसिषे
त्रंसयाञ्चक्राथे / त्रंसयांचक्राथे / त्रंसयाम्बभूवाथे / त्रंसयांबभूवाथे / त्रंसयामासाथे / तत्रंसाथे
त्रंसयाञ्चकृढ्वे / त्रंसयांचकृढ्वे / त्रंसयाम्बभूविध्वे / त्रंसयांबभूविध्वे / त्रंसयाम्बभूविढ्वे / त्रंसयांबभूविढ्वे / त्रंसयामासिध्वे / तत्रंसिध्वे
उत्तम
त्रंसयाञ्चक्रे / त्रंसयांचक्रे / त्रंसयाम्बभूवे / त्रंसयांबभूवे / त्रंसयामाहे / तत्रंसे
त्रंसयाञ्चकृवहे / त्रंसयांचकृवहे / त्रंसयाम्बभूविवहे / त्रंसयांबभूविवहे / त्रंसयामासिवहे / तत्रंसिवहे
त्रंसयाञ्चकृमहे / त्रंसयांचकृमहे / त्रंसयाम्बभूविमहे / त्रंसयांबभूविमहे / त्रंसयामासिमहे / तत्रंसिमहे