तद्धितान्तरूपाणि - त्व - प्रातिपदिकानां सूचिः

 

 
अरुण  मधुर  आराधय  ब्राह्मण  इदम्पर  निपुण  ईश्वर  दीर्घ  उष्ण  सुख  मूर्ख  ऋषिक  दृढ  एक  क्षेत्रज्ञ  शोण  प्रौढ  अकिंचन  अक्षेत्रज्ञ  अच्छावाक  अजानिक  अञ्जनिक  अञ्जलिक  अनीश्वर  अनुकूल  अनृशंस  अन्यभाव  अपराधय  अपिशुन  अभिरूप  अभीक्ष्ण  अमुष्यकुल  अमुष्यपुत्र  अयथापुर  अयथायथ  अलस  अवश्यपुत्र  अविक  अविदुर  अश्व  आग्नीध्र  आढ्य  आम्र  आस्तिक  उचित  उत्तराधर  उदासीन  उपराधय  उष्ट्र  एकभाव  कटुक  कठ  कर्मिक  कलाप  कल्याण  कष्ट  कापुरुष  काय  कार्य  कुतुक  कुतूहल  कुपुत्र  कुलपुत्र  कुशल  कृश  कृष्ण  कौञ्जायन  क्षिप्र  क्षुद्र  खण्ड  खण्डिक  गडुल  गरुड  गार्ग्य  ग्रामकुमार  ग्रामकुलाल  ग्रामड  ग्रामपुत्र  ग्रामषण्ड  ग्रामिक  चण्ड  चपल  चर्मिक  चुक्र  चूडिक  चोर  छत्रिक  छात्र  छान्दस  जड  जन  तत्पर  तदर्थ  तरतम  तरुण  ताम्र  तिलक  त्रिभाव  त्रियाहन  दण्ड  दण्डिक  दायाद  दीन  दुर्हृदय  दुष्पुरुष  दूत  द्विभाव  द्विहायन  धर्मिक  धूर्त  नयात  नागर  नास्तिक  निपात  निष्कुल  नील  पक्षिगणक  पट  पण्डित  पथिक  परमस्थ  परिमण्डल  परिवृढ  परिव्राजक  पर्षिक  पाक  पिण्डिक  पिप्पलाद  पिशुन  पीत  पुत्रिक  पुरोहित  पूर्वापर  प्रकाम  प्रतिक  प्रिय  प्रियरूप  बधिर  बहुल  बाल  बालमन्द  बालिश  ब्राह्मणाच्छंस  भविष्य  भूत  भृश  मध्यस्थ  मनुष्य  मनोज्ञ  मन्द  माणव  मानुष  मित्रावरुण  मिथुन  मूक  मूढ  मूलिक  यथाकाम  युवराज  रक्त  रथगणक  रमणीय  राजपुरुष  रूपिक  लवण  लोहित  वक्र  वत्स  वर्तमान  वर्मिक  वसनीय  वाडव  विजात  विदग्ध  विपात  विमन  वियात  विराधय  विलाभ  विशात  विशाय  विशारद  विश्वदेव  विश्वरूप  विषम  विषमस्थ  वृढ  वृद्ध  वृष  वृषल  शतपुत्र  शाक्वर  शिलिक  शीत  शील  शुक्र  शुक्ल  शौटीर  श्याम  श्याव  श्रमण  श्रवण  श्रोत्रिय  श्वेत  संरक्ष  संरक्षसूचक  समग्र  समस्थ  समीप  सर्प  सहाय  सारपुत्र  सुकुमार  सुभग  सुहित  सुहृदय  सूचक  सूचिक  सूतिक  स्तेन  स्थविर  स्थिर  स्वधर्म  स्वभाव  स्वराज  हरित  हृदय  होड  ह्रस्व