कृदन्तरूपाणि - दुस् + स्खल् + यङ्लुक् + णिच् + शतृँ - स्खलँ सञ्चलने मित् इति भोजः ०९३१ - भ्वादिः - सेट्


 
प्रातिपदिकम्
प्रथमा एकवचनम्
दुश्चास्खलयत् (पुं)
दुश्चास्खलयन्
दुश्चास्खलयन्ती (स्त्री)
दुश्चास्खलयन्ती
दुश्चास्खलयत् (नपुं)
दुश्चास्खलयत् / दुश्चास्खलयद्