संस्कृत क्रियापदानाम् अभ्यासाः - समीचीनम् असमीचीनं वा सूचयत

समीचीनम् असमीचीनं वा सूचयत

जिह्रयाञ्चक्र - ह्री - ह्री लज्जायाम् जुहोत्यादिः - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम् - कर्तरि लङ् परस्मै
जिह्रयाञ्चक्रुः - ह्री - ह्री लज्जायाम् जुहोत्यादिः - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम् - प्रथम पुरुषः बहुवचनम्
जिह्रयाञ्चकार - ह्री - ह्री लज्जायाम् जुहोत्यादिः - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम् - कर्तरि लङ् परस्मै
जिह्रयाञ्चकर - ह्री - ह्री लज्जायाम् जुहोत्यादिः - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम् - उत्तम पुरुषः एकवचनम्
जिह्रयाञ्चकृव - ह्री - ह्री लज्जायाम् जुहोत्यादिः - कर्तरि प्रयोगः लिट् लकारः परस्मै पदम् - कर्तरि लुट् परस्मै