सम् + प्र + सू + यङ् धातु रूप - लट् लकार

षूङ् प्राणिगर्भविमोचने - अदादिः

 
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
सम्प्रसोषूयते / संप्रसोषूयते
सम्प्रसोषूयेते / संप्रसोषूयेते
सम्प्रसोषूयन्ते / संप्रसोषूयन्ते
मध्यम
सम्प्रसोषूयसे / संप्रसोषूयसे
सम्प्रसोषूयेथे / संप्रसोषूयेथे
सम्प्रसोषूयध्वे / संप्रसोषूयध्वे
उत्तम
सम्प्रसोषूये / संप्रसोषूये
सम्प्रसोषूयावहे / संप्रसोषूयावहे
सम्प्रसोषूयामहे / संप्रसोषूयामहे
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
सम्प्रसोषूय्यते / संप्रसोषूय्यते
सम्प्रसोषूय्येते / संप्रसोषूय्येते
सम्प्रसोषूय्यन्ते / संप्रसोषूय्यन्ते
मध्यम
सम्प्रसोषूय्यसे / संप्रसोषूय्यसे
सम्प्रसोषूय्येथे / संप्रसोषूय्येथे
सम्प्रसोषूय्यध्वे / संप्रसोषूय्यध्वे
उत्तम
सम्प्रसोषूय्ये / संप्रसोषूय्ये
सम्प्रसोषूय्यावहे / संप्रसोषूय्यावहे
सम्प्रसोषूय्यामहे / संप्रसोषूय्यामहे
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग