सम् + त्रिङ्ख् धातु रूप - त्रिखिँ गत्यर्थः इत्यपि केचित् - भ्वादिः - आशीर्लिङ लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
सन्त्रिङ्ख्यात् / संत्रिङ्ख्यात् / सन्त्रिङ्ख्याद् / संत्रिङ्ख्याद्
सन्त्रिङ्ख्यास्ताम् / संत्रिङ्ख्यास्ताम्
सन्त्रिङ्ख्यासुः / संत्रिङ्ख्यासुः
मध्यम
सन्त्रिङ्ख्याः / संत्रिङ्ख्याः
सन्त्रिङ्ख्यास्तम् / संत्रिङ्ख्यास्तम्
सन्त्रिङ्ख्यास्त / संत्रिङ्ख्यास्त
उत्तम
सन्त्रिङ्ख्यासम् / संत्रिङ्ख्यासम्
सन्त्रिङ्ख्यास्व / संत्रिङ्ख्यास्व
सन्त्रिङ्ख्यास्म / संत्रिङ्ख्यास्म
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
सन्त्रिङ्खिषीष्ट / संत्रिङ्खिषीष्ट
सन्त्रिङ्खिषीयास्ताम् / संत्रिङ्खिषीयास्ताम्
सन्त्रिङ्खिषीरन् / संत्रिङ्खिषीरन्
मध्यम
सन्त्रिङ्खिषीष्ठाः / संत्रिङ्खिषीष्ठाः
सन्त्रिङ्खिषीयास्थाम् / संत्रिङ्खिषीयास्थाम्
सन्त्रिङ्खिषीध्वम् / संत्रिङ्खिषीध्वम्
उत्तम
सन्त्रिङ्खिषीय / संत्रिङ्खिषीय
सन्त्रिङ्खिषीवहि / संत्रिङ्खिषीवहि
सन्त्रिङ्खिषीमहि / संत्रिङ्खिषीमहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग