वि + श्रै धातु रूप - श्रै पाके - भ्वादिः - आशीर्लिङ लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विश्रेयात् / विश्रेयाद् / विश्रायात् / विश्रायाद्
विश्रेयास्ताम् / विश्रायास्ताम्
विश्रेयासुः / विश्रायासुः
मध्यम
विश्रेयाः / विश्रायाः
विश्रेयास्तम् / विश्रायास्तम्
विश्रेयास्त / विश्रायास्त
उत्तम
विश्रेयासम् / विश्रायासम्
विश्रेयास्व / विश्रायास्व
विश्रेयास्म / विश्रायास्म
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
विश्रायिषीष्ट / विश्रेषीष्ट / विश्रासीष्ट
विश्रायिषीयास्ताम् / विश्रेषीयास्ताम् / विश्रासीयास्ताम्
विश्रायिषीरन् / विश्रेषीरन् / विश्रासीरन्
मध्यम
विश्रायिषीष्ठाः / विश्रेषीष्ठाः / विश्रासीष्ठाः
विश्रायिषीयास्थाम् / विश्रेषीयास्थाम् / विश्रासीयास्थाम्
विश्रायिषीढ्वम् / विश्रायिषीध्वम् / विश्रेषीढ्वम् / विश्रासीध्वम्
उत्तम
विश्रायिषीय / विश्रेषीय / विश्रासीय
विश्रायिषीवहि / विश्रेषीवहि / विश्रासीवहि
विश्रायिषीमहि / विश्रेषीमहि / विश्रासीमहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग