प्र + ज्वल् + यङ् + णिच् धातु रूप

ज्वलँ दीप्तौ मित् अनुपसर्गाद्वा १९४१ - भ्वादिः

 

संयुक्त
 
 
 
कर्तरि प्रयोग - परस्मैपद
 
 
कर्तरि प्रयोग - आत्मनेपद
 
 
कर्मणि प्रयोग - आत्मनेपद
 
 
 

सनादि प्रत्यय

उपसर्ग


अन्य