परि + रिष् + यङ् + णिच् धातु रूप - रिषँ हिंसार्थाः - भ्वादिः - लुट् लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परिरेरिष्ययिता
परिरेरिष्ययितारौ
परिरेरिष्ययितारः
मध्यम
परिरेरिष्ययितासि
परिरेरिष्ययितास्थः
परिरेरिष्ययितास्थ
उत्तम
परिरेरिष्ययितास्मि
परिरेरिष्ययितास्वः
परिरेरिष्ययितास्मः
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परिरेरिष्ययिता
परिरेरिष्ययितारौ
परिरेरिष्ययितारः
मध्यम
परिरेरिष्ययितासे
परिरेरिष्ययितासाथे
परिरेरिष्ययिताध्वे
उत्तम
परिरेरिष्ययिताहे
परिरेरिष्ययितास्वहे
परिरेरिष्ययितास्महे
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परिरेरिषिता / परिरेरिष्ययिता
परिरेरिषितारौ / परिरेरिष्ययितारौ
परिरेरिषितारः / परिरेरिष्ययितारः
मध्यम
परिरेरिषितासे / परिरेरिष्ययितासे
परिरेरिषितासाथे / परिरेरिष्ययितासाथे
परिरेरिषिताध्वे / परिरेरिष्ययिताध्वे
उत्तम
परिरेरिषिताहे / परिरेरिष्ययिताहे
परिरेरिषितास्वहे / परिरेरिष्ययितास्वहे
परिरेरिषितास्महे / परिरेरिष्ययितास्महे
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग