त्रिङ्ख् + यङ्लुक् + णिच् + सन् धातु रूप - त्रिखिँ गत्यर्थः इत्यपि केचित् - भ्वादिः


 

संयुक्त
 
 
 
कर्तरि प्रयोग - परस्मैपद
 
 
कर्तरि प्रयोग - आत्मनेपद
 
 
कर्मणि प्रयोग - आत्मनेपद
 
 
 

सनादि प्रत्यय

उपसर्ग