उप + क्षण् धातु रूप - क्षणुँ हिंसायाम् - तनादिः - लङ् लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उपाक्षणोत् / उपाक्षणोद्
उपाक्षणुताम्
उपाक्षण्वन्
मध्यम
उपाक्षणोः
उपाक्षणुतम्
उपाक्षणुत
उत्तम
उपाक्षणवम्
उपाक्षण्व / उपाक्षणुव
उपाक्षण्म / उपाक्षणुम
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उपाक्षणुत
उपाक्षण्वाताम्
उपाक्षण्वत
मध्यम
उपाक्षणुथाः
उपाक्षण्वाथाम्
उपाक्षणुध्वम्
उत्तम
उपाक्षण्वि
उपाक्षण्वहि / उपाक्षणुवहि
उपाक्षण्महि / उपाक्षणुमहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
उपाक्षण्यत
उपाक्षण्येताम्
उपाक्षण्यन्त
मध्यम
उपाक्षण्यथाः
उपाक्षण्येथाम्
उपाक्षण्यध्वम्
उत्तम
उपाक्षण्ये
उपाक्षण्यावहि
उपाक्षण्यामहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग