अभि + स्तुच् + णिच् धातु रूप - ष्टुचँ प्रसादे - भ्वादिः - लुट् लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अभिस्तोचयिता
अभिस्तोचयितारौ
अभिस्तोचयितारः
मध्यम
अभिस्तोचयितासि
अभिस्तोचयितास्थः
अभिस्तोचयितास्थ
उत्तम
अभिस्तोचयितास्मि
अभिस्तोचयितास्वः
अभिस्तोचयितास्मः
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अभिस्तोचयिता
अभिस्तोचयितारौ
अभिस्तोचयितारः
मध्यम
अभिस्तोचयितासे
अभिस्तोचयितासाथे
अभिस्तोचयिताध्वे
उत्तम
अभिस्तोचयिताहे
अभिस्तोचयितास्वहे
अभिस्तोचयितास्महे
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अभिस्तोचिता / अभिस्तोचयिता
अभिस्तोचितारौ / अभिस्तोचयितारौ
अभिस्तोचितारः / अभिस्तोचयितारः
मध्यम
अभिस्तोचितासे / अभिस्तोचयितासे
अभिस्तोचितासाथे / अभिस्तोचयितासाथे
अभिस्तोचिताध्वे / अभिस्तोचयिताध्वे
उत्तम
अभिस्तोचिताहे / अभिस्तोचयिताहे
अभिस्तोचितास्वहे / अभिस्तोचयितास्वहे
अभिस्तोचितास्महे / अभिस्तोचयितास्महे
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग