कृदन्त - नि + श्लोक् + णिच् + सन् - श्लोकृँ सङ्घाते - भ्वादिः - सेट्


 
कृत प्रत्यय
कृदन्त
ल्युट्
निशुश्लोकयिषणम्
अनीयर्
निशुश्लोकयिषणीयः - निशुश्लोकयिषणीया
ण्वुल्
निशुश्लोकयिषकः - निशुश्लोकयिषिका
तुमुँन्
निशुश्लोकयिषितुम्
तव्य
निशुश्लोकयिषितव्यः - निशुश्लोकयिषितव्या
तृच्
निशुश्लोकयिषिता - निशुश्लोकयिषित्री
ल्यप्
निशुश्लोकयिष्य
क्तवतुँ
निशुश्लोकयिषितवान् - निशुश्लोकयिषितवती
क्त
निशुश्लोकयिषितः - निशुश्लोकयिषिता
शतृँ
निशुश्लोकयिषन् - निशुश्लोकयिषन्ती
शानच्
निशुश्लोकयिषमाणः - निशुश्लोकयिषमाणा
यत्
निशुश्लोकयिष्यः - निशुश्लोकयिष्या
अच्
निशुश्लोकयिषः - निशुश्लोकयिषा
घञ्
निशुश्लोकयिषः
निशुश्लोकयिषा


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग