वि + आङ् + दृश् ଧାତୁ ରୂପ - ଆଶୀର୍ଲିଙ୍ ଲକାର
दृशिँर् प्रेक्षणे - भ्वादिः
କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ପରସ୍ମୈପଦ
ଏକବଚନ
ଦ୍ୱିବଚନ
ବହୁବଚନ
ପ୍ରଥମ ପୁରୁଷ
ମଧ୍ୟମ ପୁରୁଷ
ଉତ୍ତମ ପୁରୁଷ
କର୍ମଣି ପ୍ରୟୋଗ ଆତ୍ମନେ ପଦ
ଏକବଚନ
ଦ୍ୱିବଚନ
ବହୁବଚନ
ପ୍ରଥମ ପୁରୁଷ
ମଧ୍ୟମ ପୁରୁଷ
ଉତ୍ତମ ପୁରୁଷ
କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ପରସ୍ମୈପଦ
ଏକ.
ଦ୍ୱି.
ବହୁ.
ପ୍ରଥମ
व्यादृश्यात् / व्यादृश्याद्
व्यादृश्यास्ताम्
व्यादृश्यासुः
ମଧ୍ୟମ
व्यादृश्याः
व्यादृश्यास्तम्
व्यादृश्यास्त
ଉତ୍ତମ
व्यादृश्यासम्
व्यादृश्यास्व
व्यादृश्यास्म
କର୍ମଣି ପ୍ରୟୋଗ ଆତ୍ମନେ ପଦ
ଏକ.
ଦ୍ୱି.
ବହୁ.
ପ୍ରଥମ
व्यादर्शिषीष्ट / व्यादृक्षीष्ट
व्यादर्शिषीयास्ताम् / व्यादृक्षीयास्ताम्
व्यादर्शिषीरन् / व्यादृक्षीरन्
ମଧ୍ୟମ
व्यादर्शिषीष्ठाः / व्यादृक्षीष्ठाः
व्यादर्शिषीयास्थाम् / व्यादृक्षीयास्थाम्
व्यादर्शिषीध्वम् / व्यादृक्षीध्वम्
ଉତ୍ତମ
व्यादर्शिषीय / व्यादृक्षीय
व्यादर्शिषीवहि / व्यादृक्षीवहि
व्यादर्शिषीमहि / व्यादृक्षीमहि
ସନାଦି ପ୍ରତ୍ୟୟ
णिच्
सन्
यङ्
यङ्लुक्
णिच् + सन्
यङ् + सन्
यङ्लुक् + सन्
सन् + णिच्
यङ् + णिच्
यङ्लुक् + णिच्
णिच् + सन् + णिच्
यङ् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + सन् + णिच्
यङ् + णिच् + सन्
यङ्लुक् + णिच् + सन्
यङ् + णिच् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + णिच् + सन् + णिच्
ଉପସର୍ଗ