प्रति + मृज् + णिच् ଧାତୁ ରୂପ - ଲୋଟ୍ ଲକାର
मृजूँ मृजूँश् शुद्धौ - अदादिः
କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ପରସ୍ମୈପଦ
ଏକବଚନ
ଦ୍ୱିବଚନ
ବହୁବଚନ
ପ୍ରଥମ ପୁରୁଷ
ମଧ୍ୟମ ପୁରୁଷ
ଉତ୍ତମ ପୁରୁଷ
କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ଆତ୍ମନେ ପଦ
ଏକବଚନ
ଦ୍ୱିବଚନ
ବହୁବଚନ
ପ୍ରଥମ ପୁରୁଷ
ମଧ୍ୟମ ପୁରୁଷ
ଉତ୍ତମ ପୁରୁଷ
କର୍ମଣି ପ୍ରୟୋଗ ଆତ୍ମନେ ପଦ
ଏକବଚନ
ଦ୍ୱିବଚନ
ବହୁବଚନ
ପ୍ରଥମ ପୁରୁଷ
ମଧ୍ୟମ ପୁରୁଷ
ଉତ୍ତମ ପୁରୁଷ
କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ପରସ୍ମୈପଦ
ଏକ.
ଦ୍ୱି.
ବହୁ.
ପ୍ରଥମ
प्रतिमार्जयतात् / प्रतिमार्जयताद् / प्रतिमार्जयतु
प्रतिमार्जयताम्
प्रतिमार्जयन्तु
ମଧ୍ୟମ
प्रतिमार्जयतात् / प्रतिमार्जयताद् / प्रतिमार्जय
प्रतिमार्जयतम्
प्रतिमार्जयत
ଉତ୍ତମ
प्रतिमार्जयानि
प्रतिमार्जयाव
प्रतिमार्जयाम
କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ଆତ୍ମନେ ପଦ
ଏକ.
ଦ୍ୱି.
ବହୁ.
ପ୍ରଥମ
प्रतिमार्जयताम्
प्रतिमार्जयेताम्
प्रतिमार्जयन्ताम्
ମଧ୍ୟମ
प्रतिमार्जयस्व
प्रतिमार्जयेथाम्
प्रतिमार्जयध्वम्
ଉତ୍ତମ
प्रतिमार्जयै
प्रतिमार्जयावहै
प्रतिमार्जयामहै
କର୍ମଣି ପ୍ରୟୋଗ ଆତ୍ମନେ ପଦ
ଏକ.
ଦ୍ୱି.
ବହୁ.
ପ୍ରଥମ
प्रतिमार्ज्यताम्
प्रतिमार्ज्येताम्
प्रतिमार्ज्यन्ताम्
ମଧ୍ୟମ
प्रतिमार्ज्यस्व
प्रतिमार्ज्येथाम्
प्रतिमार्ज्यध्वम्
ଉତ୍ତମ
प्रतिमार्ज्यै
प्रतिमार्ज्यावहै
प्रतिमार्ज्यामहै
ସନାଦି ପ୍ରତ୍ୟୟ
णिच्
सन्
यङ्
यङ्लुक्
णिच् + सन्
यङ् + सन्
यङ्लुक् + सन्
सन् + णिच्
यङ् + णिच्
यङ्लुक् + णिच्
णिच् + सन् + णिच्
यङ् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + सन् + णिच्
यङ् + णिच् + सन्
यङ्लुक् + णिच् + सन्
यङ् + णिच् + सन् + णिच्
यङ्लुक् + णिच् + सन् + णिच्
ଉପସର୍ଗ