वि + श्लङ्क् + यङ् + णिच् धातुरूपे - श्लकिँ गतौ गत्यर्थः - भ्वादिः - आशीर्लिङ लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
विशाश्लङ्क्यात् / विशाश्लङ्क्याद्
विशाश्लङ्क्यास्ताम्
विशाश्लङ्क्यासुः
मध्यम
विशाश्लङ्क्याः
विशाश्लङ्क्यास्तम्
विशाश्लङ्क्यास्त
उत्तम
विशाश्लङ्क्यासम्
विशाश्लङ्क्यास्व
विशाश्लङ्क्यास्म
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
विशाश्लङ्क्ययिषीष्ट
विशाश्लङ्क्ययिषीयास्ताम्
विशाश्लङ्क्ययिषीरन्
मध्यम
विशाश्लङ्क्ययिषीष्ठाः
विशाश्लङ्क्ययिषीयास्थाम्
विशाश्लङ्क्ययिषीढ्वम् / विशाश्लङ्क्ययिषीध्वम्
उत्तम
विशाश्लङ्क्ययिषीय
विशाश्लङ्क्ययिषीवहि
विशाश्लङ्क्ययिषीमहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
विशाश्लङ्किषीष्ट / विशाश्लङ्क्ययिषीष्ट
विशाश्लङ्किषीयास्ताम् / विशाश्लङ्क्ययिषीयास्ताम्
विशाश्लङ्किषीरन् / विशाश्लङ्क्ययिषीरन्
मध्यम
विशाश्लङ्किषीष्ठाः / विशाश्लङ्क्ययिषीष्ठाः
विशाश्लङ्किषीयास्थाम् / विशाश्लङ्क्ययिषीयास्थाम्
विशाश्लङ्किषीध्वम् / विशाश्लङ्क्ययिषीढ्वम् / विशाश्लङ्क्ययिषीध्वम्
उत्तम
विशाश्लङ्किषीय / विशाश्लङ्क्ययिषीय
विशाश्लङ्किषीवहि / विशाश्लङ्क्ययिषीवहि
विशाश्लङ्किषीमहि / विशाश्लङ्क्ययिषीमहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग