अपि + राख् + णिच् धातुरूपे - राखृँ शोषणालमर्थ्योः - भ्वादिः - लृङ् लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
अनेकवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
अप्यराखयिष्यत् / अप्यराखयिष्यद्
अप्यराखयिष्यताम्
अप्यराखयिष्यन्
मध्यम
अप्यराखयिष्यः
अप्यराखयिष्यतम्
अप्यराखयिष्यत
उत्तम
अप्यराखयिष्यम्
अप्यराखयिष्याव
अप्यराखयिष्याम
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
अप्यराखयिष्यत
अप्यराखयिष्येताम्
अप्यराखयिष्यन्त
मध्यम
अप्यराखयिष्यथाः
अप्यराखयिष्येथाम्
अप्यराखयिष्यध्वम्
उत्तम
अप्यराखयिष्ये
अप्यराखयिष्यावहि
अप्यराखयिष्यामहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
अनेक
प्रथम
अप्यराखिष्यत / अप्यराखयिष्यत
अप्यराखिष्येताम् / अप्यराखयिष्येताम्
अप्यराखिष्यन्त / अप्यराखयिष्यन्त
मध्यम
अप्यराखिष्यथाः / अप्यराखयिष्यथाः
अप्यराखिष्येथाम् / अप्यराखयिष्येथाम्
अप्यराखिष्यध्वम् / अप्यराखयिष्यध्वम्
उत्तम
अप्यराखिष्ये / अप्यराखयिष्ये
अप्यराखिष्यावहि / अप्यराखयिष्यावहि
अप्यराखिष्यामहि / अप्यराखयिष्यामहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग