कृदन्त - दुर् + शूल् + णिच् + सन् + णिच् - शूलँ रुजायां सङ्घाते च - भ्वादिः - सेट्


 
कृत प्रत्यय
कृदन्त
ल्युट्
दुःशुशूलयिषणम् / दुश्शुशूलयिषणम्
अनीयर्
दुःशुशूलयिषणीयः / दुश्शुशूलयिषणीयः - दुःशुशूलयिषणीया / दुश्शुशूलयिषणीया
ण्वुल्
दुःशुशूलयिषकः / दुश्शुशूलयिषकः - दुःशुशूलयिषिका / दुश्शुशूलयिषिका
तुमुँन्
दुःशुशूलयिषयितुम् / दुश्शुशूलयिषयितुम्
तव्य
दुःशुशूलयिषयितव्यः / दुश्शुशूलयिषयितव्यः - दुःशुशूलयिषयितव्या / दुश्शुशूलयिषयितव्या
तृच्
दुःशुशूलयिषयिता / दुश्शुशूलयिषयिता - दुःशुशूलयिषयित्री / दुश्शुशूलयिषयित्री
ल्यप्
दुःशुशूलयिषय्य / दुश्शुशूलयिषय्य
क्तवतुँ
दुःशुशूलयिषितवान् / दुश्शुशूलयिषितवान् - दुःशुशूलयिषितवती / दुश्शुशूलयिषितवती
क्त
दुःशुशूलयिषितः / दुश्शुशूलयिषितः - दुःशुशूलयिषिता / दुश्शुशूलयिषिता
शतृँ
दुःशुशूलयिषयन् / दुश्शुशूलयिषयन् - दुःशुशूलयिषयन्ती / दुश्शुशूलयिषयन्ती
शानच्
दुःशुशूलयिषयमाणः / दुश्शुशूलयिषयमाणः - दुःशुशूलयिषयमाणा / दुश्शुशूलयिषयमाणा
यत्
दुःशुशूलयिष्यः / दुश्शुशूलयिष्यः - दुःशुशूलयिष्या / दुश्शुशूलयिष्या
अच्
दुःशुशूलयिषः / दुश्शुशूलयिषः - दुःशुशूलयिषा - दुश्शुशूलयिषा
दुःशुशूलयिषा / दुश्शुशूलयिषा


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग