सम् + ऋज् + सन् धातु रूप - ऋजँ गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु - भ्वादिः - विधिलिङ् लकार


 
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
समृजेजिषेत
समृजेजिषेयाताम्
समृजेजिषेरन्
मध्यम
समृजेजिषेथाः
समृजेजिषेयाथाम्
समृजेजिषेध्वम्
उत्तम
समृजेजिषेय
समृजेजिषेवहि
समृजेजिषेमहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
समृजेजिष्येत
समृजेजिष्येयाताम्
समृजेजिष्येरन्
मध्यम
समृजेजिष्येथाः
समृजेजिष्येयाथाम्
समृजेजिष्येध्वम्
उत्तम
समृजेजिष्येय
समृजेजिष्येवहि
समृजेजिष्येमहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग