भू धातु रूप - आशीर्लिङ लकार
भू सत्तायाम् - भ्वादिः
कर्तरि प्रयोग परस्मैपद
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
कर्तरि प्रयोग परस्मैपद
एक
द्वि
बहु
प्रथम
भूयात् / भूयाद्
भूयास्ताम्
भूयासुः
मध्यम
भूयाः
भूयास्तम्
भूयास्त
उत्तम
भूयासम्
भूयास्व
भूयास्म
कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद
एक
द्वि
बहु
प्रथम
भाविषीष्ट / भविषीष्ट
भाविषीयास्ताम् / भविषीयास्ताम्
भाविषीरन् / भविषीरन्
मध्यम
भाविषीष्ठाः / भविषीष्ठाः
भाविषीयास्थाम् / भविषीयास्थाम्
भाविषीढ्वम् / भाविषीध्वम् / भविषीढ्वम् / भविषीध्वम्
उत्तम
भाविषीय / भविषीय
भाविषीवहि / भविषीवहि
भाविषीमहि / भविषीमहि
सनादि प्रत्यय
उपसर्ग
अधि + आङ्
अनु + आङ्
अनु + प्र
अभि + आङ्
अभि + प्र
अभि + सम्
परि + आङ्
प्रति + अनु
प्रति + आङ्
वि + अति
सम् + उत्
सम् + परि
गति
अङ्गी
अत्
अत्यूमशा
आक्ली
आताली
आलोष्टी
आविस्
आविस्
उररी
ऊरी
कराली
कारिका
कुम्भी
कृष्णी
केवाली
केवासी
खट्वी
खरटखरटा
गुलुगुधा
घरटघरटा
छमछमा
तन्थी
ताली
तिरस्
त्रपटत्रपटा
दमदमा
दुःखी
दूरी
दोषा
धमधमा
धूली
धूसी
ध्वंसकला
पटपटा
पटू
पर्याली
प्रादुस्
फल
फली
फलू
बन्धा
भ्रंशकला
मसमसा
मस्मसा
वर्षाली
वशी
वश्मसा
वषट्
विक्ली
वेताली
वौषट्
शकला
शुक्ली
शेवाली
श्रौषट्
संशकला
सजूस्
सरली
सुखी
स्पष्टी
स्वधा
स्वाहा
स्वी