प्रति + नाथ् + यङ् + सन् + णिच् धातु रूप - नाथृँ याच्ञोपतापैश्वर्याशीष्षु - भ्वादिः


 

संयुक्त
 
 
 
कर्तरि प्रयोग - परस्मैपद
 
 
कर्तरि प्रयोग - आत्मनेपद
 
 
कर्मणि प्रयोग - आत्मनेपद
 
 
 

सनादि प्रत्यय

उपसर्ग