परा + दृश् + यङ् + णिच् धातु रूप - लृङ् लकार

दृशिँर् प्रेक्षणे - भ्वादिः

 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परादरीदृश्ययिष्यत् / परादरीदृश्ययिष्यद्
परादरीदृश्ययिष्यताम्
परादरीदृश्ययिष्यन्
मध्यम
परादरीदृश्ययिष्यः
परादरीदृश्ययिष्यतम्
परादरीदृश्ययिष्यत
उत्तम
परादरीदृश्ययिष्यम्
परादरीदृश्ययिष्याव
परादरीदृश्ययिष्याम
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परादरीदृश्ययिष्यत
परादरीदृश्ययिष्येताम्
परादरीदृश्ययिष्यन्त
मध्यम
परादरीदृश्ययिष्यथाः
परादरीदृश्ययिष्येथाम्
परादरीदृश्ययिष्यध्वम्
उत्तम
परादरीदृश्ययिष्ये
परादरीदृश्ययिष्यावहि
परादरीदृश्ययिष्यामहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
परादरीदृशिष्यत / परादरीदृश्ययिष्यत
परादरीदृशिष्येताम् / परादरीदृश्ययिष्येताम्
परादरीदृशिष्यन्त / परादरीदृश्ययिष्यन्त
मध्यम
परादरीदृशिष्यथाः / परादरीदृश्ययिष्यथाः
परादरीदृशिष्येथाम् / परादरीदृश्ययिष्येथाम्
परादरीदृशिष्यध्वम् / परादरीदृश्ययिष्यध्वम्
उत्तम
परादरीदृशिष्ये / परादरीदृश्ययिष्ये
परादरीदृशिष्यावहि / परादरीदृश्ययिष्यावहि
परादरीदृशिष्यामहि / परादरीदृश्ययिष्यामहि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग