अनु + रुष् + यङ्लुक् + णिच् धातु रूप - लुङ् लकार

रुषँ हिंसायाम् रोषे - दिवादिः

 
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
मध्यम पुरुष
उत्तम पुरुष
 

कर्तरि प्रयोग परस्मैपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अन्वरोरुषत् / अन्वरोरुषद्
अन्वरोरुषताम्
अन्वरोरुषन्
मध्यम
अन्वरोरुषः
अन्वरोरुषतम्
अन्वरोरुषत
उत्तम
अन्वरोरुषम्
अन्वरोरुषाव
अन्वरोरुषाम
 

कर्तरि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अन्वरोरुषत
अन्वरोरुषेताम्
अन्वरोरुषन्त
मध्यम
अन्वरोरुषथाः
अन्वरोरुषेथाम्
अन्वरोरुषध्वम्
उत्तम
अन्वरोरुषे
अन्वरोरुषावहि
अन्वरोरुषामहि
 

कर्मणि प्रयोग आत्मनेपद

 
एक
द्वि
बहु
प्रथम
अन्वरोरोषि
अन्वरोरोषिषाताम् / अन्वरोरोषयिषाताम्
अन्वरोरोषिषत / अन्वरोरोषयिषत
मध्यम
अन्वरोरोषिष्ठाः / अन्वरोरोषयिष्ठाः
अन्वरोरोषिषाथाम् / अन्वरोरोषयिषाथाम्
अन्वरोरोषिढ्वम् / अन्वरोरोषयिढ्वम् / अन्वरोरोषयिध्वम्
उत्तम
अन्वरोरोषिषि / अन्वरोरोषयिषि
अन्वरोरोषिष्वहि / अन्वरोरोषयिष्वहि
अन्वरोरोषिष्महि / अन्वरोरोषयिष्महि
 


सनादि प्रत्यय

उपसर्ग