स्पश् + यङ् + णिच् + सन् ଧାତୁ ରୂପ - स्पशँ बाधनस्पर्शनयोः - भ्वादिः - କର୍ତରି ପ୍ରୟୋଗ ଆଶୀର୍ଲିଙ୍ ଲକାର ପରସ୍ମୈପଦ
ଏକବଚନ
ଦ୍ୱିବଚନ
ବହୁବଚନ
ପ୍ରଥମ ପୁରୁଷ
ମଧ୍ୟମ ପୁରୁଷ
ଉତ୍ତମ ପୁରୁଷ
ଏକ.
ଦ୍ୱି.
ବହୁ.
ପ୍ରଥମ
पास्पश्ययिष्यात् / पास्पश्ययिष्याद्
पास्पश्ययिष्यास्ताम्
पास्पश्ययिष्यासुः
ମଧ୍ୟମ
पास्पश्ययिष्याः
पास्पश्ययिष्यास्तम्
पास्पश्ययिष्यास्त
ଉତ୍ତମ
पास्पश्ययिष्यासम्
पास्पश्ययिष्यास्व
पास्पश्ययिष्यास्म